*(यह उन लोगों के लिए नहीं है, जो ज्योतिष पर विश्वास नहीं करते। वे पढ़े ही नही। निरर्थक अपनी विद्वता न झाड़े। उन्हें यह बहस भारत सरकारसे करनी चाहिए।)*
हमारे यहाँ लोगों की कुण्डलियाँ आती हैं और जातकों ने उन कुंडलियों के ग्रह दोषों का निवारण करने के लिए जो उपाय किसी ज्योतिषी के कहने पर कर रखे होते है; उनके विवरण भी प्राप्त होते हैं।
आज तक इन उपायों को देखने-समझने के बाद मुझे घोर निराशा हुई हैं। ये उपाय जातक को लाभ क्या पहुचाएंगे, उन्हें हानि या गंभीर हानिके शिकार बना देते है। तभी तो उपाय करने के बाद भी परेशान होकर अन्य ज्योतिषी की तलाश में हमारे यहाँ सम्पर्क करते हैं; वरना उन्हें आवश्कयता ही नहीं होती।
इन जातकों के ये उपाय बताने वाले केवल नीम-हकीम ज्योतिषी ही नहीं होते। इनमें बड़े-बड़े नाम शामिल है।अतः जनहित में हम आप सभी को कुछ सामान्य बातें बता रहे है; ताकि आप स्वयं भी समझ सके कि गड़बड़ी कहाँ और क्यों होती हैं? इससे आप गलत उपायों से और उनकी हानि से बचेंगे।
जब कंप्यूटर से जन्मकुंडली बनती है; तो उसमें ढेर सारे विवरण होते यथा नक्षत्रादी, ग्रहों के अंश , महादशा आदि के चार्ट होते हैं। जब आप किसी ज्योतिषी के पास जाते हैं, तो वह कोई परिश्रम या गणना नहीं करता। वह महादशा-अन्तर्दशा देखता है और आपको महादशा या अन्तर्दशा में हानि पहुंचा रहे ग्रह की अंगूठी आदि बता देता है या कुछ पानी में बहाने , कुछ दान देने की बात बता कर अपना काम समाप्त कर देता है।
कुछ ज्योतिषी किसी गड़बड़ी पर लग्न राशि का रत्न फना देता है; तो कोई ग्रहों के अंश (डिग्री) को देखकर बालग्रह या अस्त ग्रह की अंगूठी पहना देता है।
दानादि के सारे उपाय इन्ही आधारों पर निर्भर होते हैं। कोई ग्रह वक्री है, दोष पूर्ण है; तो उस ग्रह को मजबूत कर दो – यही आधारसूत्र अपनाते हैं ये लोग।
परन्तु यदि आप पढ़े लिखे हैं; तो जरा सोचिये,आपकी गाड़ी का इंजन खराब होने के कारण सही स्पीड नहीं दे रहा और आप एक्सलेटर दबाते जा रहे है। उस गाड़ी का क्या हाल होगा? एक अनाड़ी ड्राईवर भी इसे बता सकते है एक डॉक्टर गलत जगह इंजेक्शन घुसाता है, गलत तरीके से सुई अंदर घुसाता है। आपको कष्ट होता है। आप डॉक्टरों को कष्ट बताते हैं; तो वह उस सुई को और गहरा घुसा देता है। क्या हाल होगा आपका?
आपके भाग्य का ग्रह किसी कारण समय चक्र से आपको परेशानी देने लगा। उस कारण की तलाश करने की जगह ज्योतिषी उस ग्रह को पानी में बहा देने या दान में देने के लिए कहता है यानी भाग्य ही समाप्त!वस्तुतः उपाय जानना इतना सरल नहीं , जितनी सरलता से ये ज्योतिषी दता देते है। यदि कंप्यूटर से निकले इन्ही विवरणों से काम चल जाता, तो जन्म कुंडली, नवांश कुंडली, चन्द्र कुंडली आदि की जरूरत ही क्या थी?
प्राचीन काल में गणना करके सभी के आधार और विवरणों को चढाया जाता था, पर इसका अर्थ था कि कुंडलियों को इनके परिपेक्ष्य में देखा जाए। ये फल नहीं होते थे , न ही निष्कर्ष। महादशा अन्तर्दशा की सूची केवल यह बताती है कि आपके जीवन में किस समय किस ग्रह का प्रभाव सर्वाधिक रहेगा। कोई ग्रह बुरा नहीं होता। उसके अच्छे-बुरे का निर्णय कुंडली से होता है।
अब होता यह है कि आप बुध के कारण कष्ट में हैं; पर ज्योतिषी कहता है कि शनि की महादशा है या राहू की दशा है ….. सारा कष्ट इससे है। नीलम पहन लीजिये या ……।आजकल कंप्यूटर से फल निकल रहे है। विशेषकर लाल किताब वालों ने तो हद ही कर दी है। जो वे अनुसंधानित बताते है, वे विवरण लाल किताब में पहले से मौजूद है और अधिक विस्तृत है; पर उसमें से क्या-कौन-कितना जातक पर पर प्रभाव डाल रहा है; उसके लिए पूरी कुंडली की गणना करके प्रतिशतों और समीकरणों के अनुसार ही उसका फल जाना जा सकता है। हर व्यक्ति की हस्त रेखाएं अलग-अलग होती है। अंगूठे उँगलियों की रेखाएं अलग होती है। आप किस सॉफ्टवेर से मैच करेंगे? वहां अरबों डाटा देने पड़ेंगे और जो नया बच्चा पैदा होगा? उसकी गणना तो करनी ही पड़ेगी।यह विद्या ही ऐसी नहीं है कि इसे कंप्यूटराइज्डकिया जाए।दोष केवल इन ज्योतिषियों का नहीं है।
पांच सौ रुपया देकर जो जीवन-सुधारना चाहते है, उनका भी है। ६ से 10 घंटे का वक्त न्यूनतम लगता है। यह भी 100% परफेक्ट नहीं होता। इसे करने के लिए 25 घंटे चाहिए। पांच दिन लगाकर पांच सौ रूपये में कौन आपके जीवन को सुधार देगा? हम सदा अपनी ओर सोचते है। हम चाहते हैं कि कष्ट दूर हो, समस्याएं निबटें, पर मुफ्त हो जाए तो अधिक अच्छा। चलो देना पड़े तो हजार-पांच सौ बहुत अहि। आपको स्वयं ही अपनी समस्या इतनी तुच्छ लगती है, तो वह ज्योतिषी क्या करुणानिधि है कि सबकी समस्या दूर करने का उपाय बताता फिरे। जिसकी जैसी भावना होती है , वैसा ही वह करता है। जो साफ़इनकार कर देता है; वह इन लोगों की नजर में लालची होता है।
दिन भर में दो सौ फोन –ईमेल आते हैं कियह मेरा जन्म कुंडली है, मैं धन और …. में परेशान हूँ । कोई उपाय बता दीजिये।अब आप सोचिये। ऐसा करने से पहले एक बार भी नहीं सोचते कि सामने वाला जो कुंडली बनाएगा, गणना करेगा वह अपना समय आपके के लिए क्यों नष्ट करेगा?….. फिर भी मैंने ऐसे लोगों के लिए लक्षण-समस्या के अनुसार उपायों का पूरा चार्ट वेबसाइट पर डाल दिया हैं कि खर्च नहीं करना चाहते, तो यहाँ देखें।पर इसे खोलकर स्वयं निदान ढूँढने में परिश्रम भी न करेंगे। आपने डेट बताया मैंने उपाय बताया? ऐसी सोच ही किस प्रकार पनपती है, मेरी समझ से बाहर है। आपके अगल-बगल जाने कितने यन्त्रण में है। जाने कितनेबच्चों को भ्र्पते भोजन नहीं मिलता, जाने कितनेलोग आपके आस-पास मुसीबत में है। कभी एक बार भी उनके बारें में सोचा है? उनके लिए कोई करुणा जगी है? दिन में एक घंटा भी उनकी सहायता में लगाते है?
मगर आप चाहते है कि ……………। सोचिये। बुरा लगे, तो क्षमा कीजिये। पर सत्य यही है।
आपका
व्यास जी
09252995723